श्री हनुमान जयन्ती
हनुमान जयन्ती चैत्र पूर्णिमा को क्रीड़ा भारती का कार्य आरम्भ हुआ। अतः शक्ति, बुद्धि और युक्ति के प्रतिमान श्री हनुमान जी के जन्म दिवस पर विविध कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इस दिवस को क्रीड़ा भारती स्थापना दिवस के रुप में मनाया जाता है।
भूपेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि खेल हमारे जन्म से ही प्रारम्भ हो जाता है। शिशु अपने आहार और जीवन को चलाने के लिए अपने हाथ पैर चलाता हैं जिसमें योग का भी समावेश होता है। कुम्भक व रेचक क्रिया के माध्यम से शिशु अपना शरीर संतुलित रखता है।
इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में विभिन्न खेलों के प्रशिक्षक, योग एवं व्यायाम शालाओं के प्रमुख उपस्थित रहे। सभी ने अपने विचार रखते हुए कहा राष्ट्र निर्माण में खेलों एवं योग की महती आवश्यकता है।
डॉ. नवनीत कुमार ने कहा कि आज विदेशी लोग योग साधना पर आकर्षित हो रहे हैं। खेल व योग के माध्यम से हमारा शरीर निरोगी रहता है मन स्वस्थ रहता है। मन स्वस्थ रहेगा तो हमारा हर लक्ष्य भी प्राप्त किया जा सकता है।
क्रीड़ा भारती ने अपने स्थापना दिवस (हनुमान जन्मोत्सव) पर आयोजित गोष्ठी समर्थ व श्रेष्ठ भारत में खेल तथा योग की भूमिका में डॉ. भूपेन्द्र सिंह राठौड़ कार्यक्रम अध्यक्ष, नवनीत कुमार योग विभागाध्यक्ष, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान त्रिवेणी नगर, मुख्य अतिथि राजस्थान विश्वविद्यालय के योग आचार्य रमाकांत मिश्रा, क्रीड़ा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ओलम्पियन गोपाल सैनी भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ हनुमान जी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। प्रस्तावना मेघसिंह क्षेत्र संयोजक क्रीड़ा भारती ने रखी।